How much energy and water does Chat GPT use? || Chat GPT कितनी ऊर्जा और पानी इस्तेमाल करती है ?

How much energy and water does Chat GPT use? :- आज के समय मे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) ने हमारे जीवन को काफी आसान बना दिया है। बात दे की  ChatGPT जैसे AI मॉडल्स अब हमारे दैनिक कार्यों, शिक्षा, व्यापार और यहाँ तक कि मनोरंजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन AI सिस्टम्स को चलाने के लिए कितनी ऊर्जा और पानी की आवश्यकता होती है? अगर आप इसके बारे मे नहीं जानते है तो यह पोस्ट आपके लिए है ।

हमने इस ब्लॉग पोस्ट में, हम Chat GPT  जैसे AI Models  द्वारा उपयोग की जाने वाली ऊर्जा और पानी की खपत पर विस्तार से चर्चा करेंगे। हम देखेंगे कि ये मॉडल कैसे काम करते हैं, उनकी पर्यावरणीय लागत क्या है, और इस मुद्दे को हल करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। तो चलिए पोस्ट की और। 

How much energy and water does Chat GPT use?
How much energy and water does Chat GPT use?

चैट जीपीटी कैसे काम करता है और इसकी ऊर्जा खपत कहां होती है?

How much energy and water does Chat GPT use? :- Chat GPT एक तंत्रिका नेटवर्क है जिसे internet पर उपलब्ध बहुत बड़ा डेटासेट पर प्रशिक्षित किया जाता है। इस प्रशिक्षण प्रक्रिया में अरबों मापदंडों को समायोजित करना शामिल है, जिसके लिए बहुत अधिक कम्प्यूटेशनल शक्ति की आवश्यकता होती है। यह कम्प्यूटेशनल शक्ति मुख्य रूप से डेटा सेंटरों द्वारा प्रदान की जाती है, जो सर्वरों, कूलिंग सिस्टम और अन्य सहायक उपकरणों से भरे होते हैं।

ऊर्जा की खपत को तीन मुख्य चरणों में बांटा जा सकता है:

प्रशिक्षण (Training): यह सबसे अधिक ऊर्जा-गहन चरण है। Chat GPT जैसे मॉडलों को प्रशिक्षित करने में हफ्तों या महीनों का समय लग सकता है, जिसके लिए हजारों ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPUs) को लगातार उच्च शक्ति पर चलाना पड़ता है। बात दे की एक अनुमान के अनुसार, GPT-3 को प्रशिक्षित करने में 1,287 MWh (मेगावाट-घंटे) से अधिक ऊर्जा की खपत हुई, जो लगभग 120 अमेरिकी घरों की वार्षिक ऊर्जा खपत के बराबर है। यह एक अनुमानित आंकड़ा है और नए, बड़े मॉडलों के लिए यह और भी अधिक हो सकता है।

अनुमान (Inference): एक बार प्रशिक्षित होने के बाद, मॉडल का उपयोग वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में किया जाता है, जिसे अनुमान कहा जाता है। बता दे की इसमें users के प्रश्नों का जवाब देना, पाठ उत्पन्न करना, या अनुवाद करना शामिल है। यद्यपि प्रशिक्षण की तुलना में प्रत्येक व्यक्तिगत अनुमान बहुत कम ऊर्जा का उपयोग करता है, लाखों या अरबों उपयोगकर्ताओं द्वारा निरंतर उपयोग के कारण कुल ऊर्जा खपत काफी बढ़ जाती है। हर बार जब आप चैट जीपीटी से कुछ पूछते हैं, तो सर्वर पर एक गणना होती है, जिसमें ऊर्जा का उपयोग होता है।

बुनियादी ढांचा (Infrastructure): डेटा सेंटरों को चलाने के लिए भी energy की आवश्यकता होती है। इसमें server को ठंडा करने के लिए एयर कंडीशनिंग, प्रकाश व्यवस्था और अन्य सहायक उपकरण शामिल हैं। कूलिंग सिस्टम विशेष रूप से ऊर्जा-गहन होते हैं क्योंकि सर्वर बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं।

पानी की खपत: एक छिपा हुआ पहलू

How much energy and water does Chat GPT use? :- बात दे की ऊर्जा खपत के अलावा, डेटा सेंटर बहुत अधिक पानी का भी खपत करते हैं। पानी का उपयोग मुख्य रूप से सर्वरों और अन्य उपकरणों को ठंडा करने के लिए किया जाता है। बहुत सारे डेटा सेंटर वाष्पीकरणीय कूलिंग सिस्टम का उपयोग करते हैं, जहां पानी को गर्म हवा के संपर्क में लाया जाता है, जिससे पानी का वाष्पीकरण होता है और हवा ठंडी हो जाती है। यह प्रक्रिया बहुत कुशल हो सकती है, लेकिन इसके लिए लगातार पानी की आपूर्ति की आवश्यकता होती है।

आपकी जानकारी के लिए बात दे की एक अनुमान के अनुसार, एक विशिष्ट डेटा सेंटर प्रति वर्ष लाखों गैलन पानी का use कर सकता है। Microsoft जैसे बड़े तकनीकी दिग्गजों ने स्वीकार किया है कि उनके AI संचालन में महत्वपूर्ण मात्रा में पानी का उपयोग होता है। उदाहरण के लिए, यह अनुमान लगाया गया है कि chat GPT के प्रत्येक 5-50 सवालों के जवाब देने पर आधा लीटर पानी खपत होता है। यह आंकड़ा इस बात पर निर्भर करता है कि डेटा सेंटर कितना कुशल है और वह किस प्रकार की कूलिंग तकनीक का उपयोग करता है।

पानी की खपत का मुद्दा और भी गंभीर हो जाता है जब डेटा सेंटर उन क्षेत्रों में स्थित होते हैं जहां पानी की कमी होती है। सूखे से प्रभावित क्षेत्रों में डेटा सेंटरों द्वारा भारी मात्रा में पानी का उपयोग स्थानीय जल संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे कृषि, पीने के पानी और पारिस्थितिक तंत्र के लिए पानी की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।

निष्कर्ष:

How much energy and water does Chat GPT use? :- AI तकनीक ने हमारे जीवन को बदल कर रख दिया है, लेकिन इसकी ऊर्जा और पानी की खपत एक बड़ी चुनौती है। हालाँकि, कंपनियाँ अब इस दिशा में काम कर रही हैं और अधिक टिकाऊ (sustainable) समाधान ढूँढ रही हैं।

हमें यह समझना होगा कि AI का भविष्य हरित तकनीक (green technology) के साथ ही संभव है। अगर हम ऊर्जा-कुशल मॉडल्स और नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाते हैं, तो AI का उपयोग पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं होगा।

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FAQ

1. ChatGPT को चलाने में कितनी बिजली लगती है?

ChatGPT को प्रशिक्षित (train) करने और चलाने (inference) में बहुत अधिक बिजली की आवश्यकता होती है। GPT-3 के प्रशिक्षण में लगभग 1,300 मेगावाट-घंटे (MWh) बिजली लगी, जो 120 अमेरिकी घरों की सालाना बिजली खपत के बराबर है। हर बार जब आप ChatGPT का उपयोग करते हैं, तो कुछ मात्रा में बिजली खर्च होती है।

2. ChatGPT कितना पानी इस्तेमाल करता है?

ChatGPT को चलाने वाले डेटा सेंटर्स को ठंडा रखने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। Microsoft (जो OpenAI को सपोर्ट करता है) ने 2022 में अपने डेटा सेंटर्स में 1.7 बिलियन गैलन पानी का उपयोग किया। यह पानी मुख्य रूप से सर्वर कूलिंग के लिए इस्तेमाल होता है।

3. क्या AI की ऊर्जा खपत पर्यावरण के लिए हानिकारक है?

हाँ, बड़े AI मॉडल्स की ऊर्जा खपत कार्बन उत्सर्जन (carbon emissions) बढ़ाती है, जिससे जलवायु परिवर्तन (climate change) को बढ़ावा मिलता है। हालाँकि, कई कंपनियाँ अब नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) का उपयोग करके इस प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही हैं।

Rajnikant Manjhi

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